Govindaraja IV (Govindraj Chauhan) Chauhan or Chahmana Dynasty.

गोविंदराजा चतुर्थ Govindaraja IV (1192 ई.) चाहमान राजवंश (Chahamana Dynasty) से संबंधित एक भारतीय कार्यकारी राजा (Vassal Ruler) थे, जिन्होंने वर्तमान उत्तर-पश्चिमी भारत के सपादलक्ष (Sapadalaksha) क्षेत्र पर घुरिद शासक मुहम्मद गौरी (Muhammad of Ghor) के नियंत्रण में जागीरदार शासक (Vassal Ruler) के रूप में कुछ समय के लिए शासन किया था।

जैसा कि हमने इससे पहले चौहान राजवंश (Chahamana Dynasty) सीरीज के आर्टिकल में पढ़ा था कि घुरिद आक्रमणकारियों (Ghurid Invaders) ने गोविंदराजा चतुर्थ Govindaraja IV के पिता पृथ्वीराज तृतीय Prithviraja III (Prithviraj Chauhan) को तराइन के द्वितीय युद्ध (Second Battle of Tarain) में हरा दिया और मार डाला।

गोविंदराजा चतुर्थ Govindaraja IV अपने पिता पृथ्वीराज तृतीय Prithviraja III (Prithviraj Chauhan) की मृत्यु के समय नाबालिग थे, और मुहम्मद गौरी ( Muhammad of Ghor) ने उन्हें चाहमान साम्राज्य के एक जागीरदार शासक (Vassal Ruler) के रूप में नियुक्त किया। उनके चाचा एवं पृथ्वीराज तृतीय के भाई हरिराज चौहान ने उन्हें घुरिद आधिपत्य स्वीकार करने के लिए गद्दी से उतार दिया। और खुद इसके बाद चौहान राजगद्दी पर बैठ गए। लेकिन कुछ समय के पश्चात कुतुबुद्दीन ऐबक ने हरिराज चौहान को भी शासक के तौर पर हटा दिया और अजमेर को अपने मुस्लिम गुलाम के हवाले कर दिया। बाद में गोविंदराज चौहान ने रणस्तंभपुरा (Ranthambore) के चाहमानों की एक नई शाखा की स्थापना की।

Govindaraja IV (1192 CE) king of Chahamana or Chauhan dynasty.

Govindaraja IV शासन काल -

जैसा कि ऊपर चौहान डायनेस्टी के परिचय में बताया गया था कि गोविंद राज चौहान का जन्म चाहमान राजा पृथ्वीराज तृतीय (पृथ्वीराज चौहान) से हुआ था। 16वीं सदी के ग्रन्थ तारीख-ए-फरिश्ता में उनको “गोला” नाम से लिखा गया है, जो संभवतः “गुवा” का गलत अनुवाद है, जो “गोविंदा” का छोटा रूप भी हो सकता है।

1192 ई. में, मुस्लिम घुरिड्स ने चाहमान साम्राज्य पर आक्रमण किया और गोविंदराज के पिता पृथ्वीराज तृतीय (पृथ्वीराज चौहान) को हराया और मार डाला। गौर के विजेता मुहम्मद गौरी ने तब गोविंदराज को एक जागीरदार शासक के रूप में नियुक्त किया। चूँकि पृथ्वीराज पृथ्वीराज तृतीय (पृथ्वीराज चौहान) की मृत्यु के समय उनकी आयु लगभग 26 वर्ष थी, इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि गोविंदराज चौहान अपने राज्यारोहण के समय नाबालिग थे।

गोविंदराज चौहान के संक्षिप्त शासनकाल के दौरान, घुरिड्स ने दिल्ली और हांसी सहित विद्रोही चाहमान राज्यपालों को अपने अधीन कर लिया। गोविंदराजा के चाचा हरिराज ने अजमेर में घुरिद शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया, जिससे गोविंदराज को रणथंभौर किले में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। घुरिद गवर्नर कुतुब अल-दीन ऐबक दिल्ली से रणथंभौर पहुंचे, और हरिराज की सेना को पीछे हटने के लिए मजबूर किया। गोविंदराज ने अपना आभार व्यक्त करने के लिए घुरिद गवर्नर को तीन सुनहरे खरबूजे उपहार में दिए।

गोविंदराज फिर अजमेर लौट आये। हालाँकि, 1193 ई. में, पृथ्वीराज के विद्रोही सेनापति स्कंद के समर्थन से, हरिराज चौहान ने फिर से अजमेर पर आक्रमण किया। एक बार फिर गोविंदराज को रणथंभौर भागना पड़ा। इस बार, हरिराज अजमेर पर कब्जा करने में कामयाब रहे, और नए चाहमान (चौहान) राजा बने। 1194 ई. में हरिराज को घुरिदों ने हराया था। इस बीच, गोविंदराज को रणथंभौर की जागीर दे दी गई। उनके बेटे वल्हना (या बल्हाना) ने उनके बाद दिल्ली सल्तनत के जागीरदार के रूप में रणथंभौर सिंहासन पर शासन किया।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -

  • निम्न में से किस चौहान शासक ने घुरिद शासक मुहम्मद गौरी (Muhammad of Ghor) के नियंत्रण में जागीरदार शासक (Vassal Ruler) के रूप में कुछ समय के लिए शासन किया था?
    अर्णोराज
    विग्रहराज चतुर्थ
    गोविंदराज चतुर्थ
    पृथ्वीराज तृतीय
  • घुरिद आक्रमणकारियों (Ghurid Invaders) ने गोविंदराजा चतुर्थ Govindaraja IV के पिता पृथ्वीराज तृतीय Prithviraja III (Prithviraj Chauhan) को किस युद्ध में हरा दिया और मार डाला ?
    तराइन के प्रथम युद्ध में (Tarain)
    तराइन के द्वितीय युद्ध में (Tarain)
    बक्सर के युद्ध में (Buxar)
    प्लासी के युद्ध में (Plassey)
  • निम्न में से किस चौहान शासक को मुहम्मद गौरी ने अजमेर के जागीरदार शासक (Vassal Ruler) के रूप में नियुक्त किया था ?
    हरिराज
    बल्हाना
    गोविंदराज चतुर्थ
    पृथ्वीराज तृतीय
  • निम्न में से किस चौहान शासक ने अजमेर के जागीरदार शासक गोविंदराज चतुर्थ को अजमेर कि गद्दी से हटा दिया था ?
    हरिराज
    बल्हाना
    गोविंदराज चतुर्थ
    पृथ्वीराज तृतीय
  • निम्न में से किस चौहान शासक ने रणथम्बोर के चाहमानों की एक नई शाखा की स्थापना की ?
    हरिराज
    बल्हाना
    गोविंदराज चतुर्थ
    पृथ्वीराज तृतीय

  • रणथम्बोर का पुराना नाम है ?

    रणपुर
    रणभेदीपुर
    रणचौहानपुर
    रणस्तंभपुर
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